काशी में विद्याध्ययन कर रहा एक छात्र एक दिन एक दुकान पर ताला खरीदने गया. एक ताले की कीमत पूछने पर दुकानदार ने बताया इसकी कीमत दस आने है. लड़के ने देखा यह ताला तो बहुत हल्का है, उसने दुकानदार से कहा 'श्रीमान! सत्य कहूं तो मुझे इस ताले की कीमत तो तीन आने ही लगती है पर आप कह रहे हैं तो आपकी बात ही सच माननी पड़ेगी'. यह कहकर छात्र ने बेमन से दस आने दुकानदार को चुकाए और ताला लेकर चल दिया.
लड़का प्रतिदिन उसी दुकान के सामने से होकर ही घूमने जाता था. एक दिन दुकानदार ने स्वयं उसके सामने आकर कहा-"बेटा तुम्हारे सत्य के आग्रह के सामने मई झुक गया हूँ". ताला सचमुच ही तीन आने का था, यह लो अपने बाकी के सात आने, कहकर दुकानदार छात्र को सात आने लौटा कर चल दिया और फिर जीवन में किसी को भी ना ठगने की प्रतिज्ञा कर ली.
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