आज नही तो कल
हमको भी जानेगी ये दुनिया
कभी ना कभी तो हमको भी
पहचानेगी ये दुनिया
हैं गुमनाम आज तो क्या
कल चर्चे होंगे हमारे
करते हैं जो बुराई आज
प्रशंसा करेंगे कल सारे. (कृष्ण धर शर्मा,2000)
हमको भी जानेगी ये दुनिया
कभी ना कभी तो हमको भी
पहचानेगी ये दुनिया
हैं गुमनाम आज तो क्या
कल चर्चे होंगे हमारे
करते हैं जो बुराई आज
प्रशंसा करेंगे कल सारे. (कृष्ण धर शर्मा,2000)
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