नमस्कार,
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम-आप बहुत कुछ पीछे छोड़कर आगे बढ़ते जाते हैं. हम अपने समाज में हो रहे सामजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक बदलावों से या तो अनजान रहते हैं या जानबूझकर अनजान बनने की कोशिश करते हैं. हमारी यह प्रवृत्ति हमारे परिवार, समाज और देश के लिए घातक साबित हो सकती है. अपने इस चिट्ठे (Blog) "समाज की बात - Samaj Ki Baat" में इन्हीं मुद्दों से सम्बंधित विषयों का संकलन करने का प्रयास मैंने किया है. आपके सुझावों का हार्दिक स्वागत रहेगा...कृष्णधर शर्मा - 9479265757

रविवार, 12 जनवरी 2014

भारतीय इतिहास की समयरेखा

पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं भारत एक साझा इतिहास के भागीदार हैं इसलिए भारतीय इतिहास की इस समय रेखा में सम्पूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास की झलक है।

  • 1 पाषाण युग
    • 1.1 भीमबेटका पाषाण आश्रय (९०००- ७००० ई. पूर्व)
    • 1.2 मेहरगढ़ सभ्यता (७०००-३३०० ई पूर्व)
    • 1.3 सिंधु घाटी की सभ्यता (२८००-१९०० ई पूर्व)
    • 1.4 वैदिक काल (१५००-५०० ई पूर्व)
  • 2 लौह युग
  • 3 प्राचीन भारत (५०० ईसा पूर्व- ५५० ईस्वी)
  • 4 मध्यकालीन भारत
  • 5 स्वतन्त्र भारत
    • 5.1 १९४७ से १९५०
    • 5.2 १९५० से १९७०
    • 5.3 १९७० से १९८०
    • 5.4 १९८० से १९९०
    • 5.5 १९९० से २०००
    • 5.6 २००० से वर्तमान  
    • पाषाण युग
      पाषाण युग इतिहास का वह काल है जब मानव का जीवन पत्थरों (संस्कृत - पाषाणः) पर अत्यधिक आश्रित था । उदाहरनार्थ पत्थरों से शिकार करना, पत्थरों की गुफाओं में शरण लेना, पत्थरों से आग पैदा करना इत्यादि। इसके तीन चरण माने जाते हैं; पुरापाषाण काल, मध्यपाषाण काल एवं नवपाषाण काल जो मानव इतिहास के आरम्भ (२५ लाख साल पूर्व) से लेकर काँस्य युग तक फ़ैला हुआ है।
      भीमबेटका पाषाण आश्रय (९०००- ७००० ई. पूर्व)
      भीमबेटका (भीमबैठका) भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त के रायसेन जिले में स्थित एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल है। यह आदि-मानव द्वारा बनाये गए शैल चित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है। इन चित्रो को पुरापाषाण काल से मध्यपाषाण काल के समय का माना जाता है। अन्य पुरावशेषों में प्राचीन किले की दीवार, लघुस्तूप, पाषाण निर्मित भवन, शुंग-गुप्त कालीन अभिलेख, शंख अभिलेख और परमार कालीन मंदिर के अवशेष भी यहां मिले हैं। भीम बेटका क्षेत्र को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, भोपाल मंडल ने अगस्त १९९० में राष्ट्रीय महत्त्व का स्थल घोषित किया। इसके बाद जुलाई २००३ में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है। ये भारत में मानव जीवन के प्राचीनतम चिह्न हैं। ऐसा माना जाता है कि यह स्थान महाभारत के चरित्र भीम से संबन्धित है एवं इसी से इसका नाम भीमबैठका पड़ा। ये गुफाएँ मध्य भारत के पठार के दक्षिणी किनारे पर स्थित विन्ध्याचल की पहाड़ियों के निचले छोर पर हैं।; इसके दक्षिण में सतपुड़ा की पहाड़ियाँ आरम्भ हो जाती हैं। इनकी खोज वर्ष १९५७-१९५८ में डाक्टर विष्णु श्रीधर वाकणकर द्वारा की गई थी।
      मेहरगढ़ सभ्यता (७०००-३३०० ई पूर्व)
      मेहरगढ़ पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण एक स्थान है जहाँ नवपाषाण युग (७००० ईसा-पूर्व से 33०० ईसा-पूर्व ) के बहुत से अवशेष मिले हैं। यह स्थान वर्तमान बलोचिस्तान (पाकिस्तान) के कच्ची मैदानी क्षेत्र में है। यह स्थान विश्व के उन स्थानों में से एक है जहाँ प्राचीनतम कृषि एवं पशुपालन से सम्बन्धित साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। इन अवशेषों से पता चलता है कि यहाँ के लोग गेहूँ एवं जौ की खेती करते थे तथा भेड़, बकरी एवं अन्य जानवर पालते थे। "
      सिंधु घाटी की सभ्यता (२८००-१९०० ई पूर्व)
      हड़प्पा सभ्यता(३३००-१७०० ई.पू.) विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता थी। यह सिंधु घाटी सभ्यता और सिंधु-सरस्वती सभ्यता के नाम से भी जानी जाती है। इसका विकास सिंधु और घघ्घर/हकड़ा (प्राचीन सरस्वती) के किनारे हुआ। मोहनजोदड़ो, कालीबंगा , चन्हुदडो , रन्गपुर् , लोथल् , धोलावीरा , राखीगरी , दैमाबाद , सुत्कन्गेदोर, सुरकोतदा और हड़प्पा इसके प्रमुख केन्द्र थें। ब्रिटिश काल में हुई खुदाइयों के आधार पर पुरातत्ववेत्ता और इतिहासकारों का अनुमान है कि यह अत्यंत विकसित सभ्यता थी और ये शहर अनेक बार बसे और उजड़े हैं।
      वैदिक काल (१५००-५०० ई पूर्व)
      वैदिक काल प्राचीन भारतीय संस्कृति का एक काल खंड है, जब वेदों की रचना हुई थी। हड़प्पा संस्कृति के पतन के बाद भारत में एक नई सभ्यता का आविर्भाव हुआ। इस सभ्यता की जानकारी के स्रोत वेदों के आधार पर इसे वैदिक सभ्यता का नाम दिया गया। वैदिक काल को दो भागों ऋग्वैदिक काल ( 1500- 1000 ई. पू. ) तथा उत्तर वैदिक काल ( 1000 - 700 ई. पू. ) में बांटा गया जाता है।
      लौह युग
      प्राचीन भारत (५०० ईसा पूर्व- ५५० ईस्वी)
      १००० ई पू के पश्चात १६ महाजनपद उत्तर भारत में मिलते हैं। ५०० ईसवी पूर्व के बाद, कई स्वतंत्र राज्य बन गए| उत्तर में मौर्य वंश, जिसमें चन्द्रगुप्त मौर्य और अशोक सम्मिलित थे, ने भारत के सांस्कृतिक पटल पर उल्लेखनीय छाप छोडी | १८० ईसवी के आरम्भ से, मध्य एशिया से कई आक्रमण हुए, जिनके परिणामस्वरूप उत्तरी भारतीय उपमहाद्वीप में इंडो-ग्रीक, इंडो-स्किथिअन, इंडो-पार्थियन और अंततः कुषाण राजवंश स्थापित हुए | तीसरी शताब्दी के आगे का समय जब भारत पर गुप्त वंश का शासन था, भारत का "स्वर्णिम काल" कहलाया| दक्षिण भारत में भिन्न-भिन्न समयकाल में कई राजवंश चालुक्य, चेर, चोल, कदम्ब, पल्लव तथा पांड्य चले | विज्ञान, कला, साहित्य, गणित, खगोल शास्त्र, प्राचीन प्रौद्योगिकी, धर्म, तथा दर्शन इन्हीं राजाओं के शासनकाल में फ़ले-फ़ूले।
      मध्यकालीन भारत
      12वीं शताब्दी के प्रारंभ में, भारत पर इस्लामी आक्रमणों के पश्चात, उत्तरी व केन्द्रीय भारत का अधिकांश भाग दिल्ली सल्तनत के शासनाधीन हो गया; और बाद में, अधिकांश उपमहाद्वीप मुगल वंश के अधीन। दक्षिण भारत में विजयनगर साम्राज्य शक्तिशाली निकला । हालांकि, विशेषतः तुलनात्मक रूप से, संरक्षित दक्षिण में, अनेक राज्य शेष रहे अथवा अस्तित्व में आये ।
      17वीं शताब्दी के मध्यकाल में पुर्तगाल, डच, फ्रांस, ब्रिटेन सहित अनेकों युरोपीय देशों, जो कि भारत से व्यापार करने के इच्छुक थे, उन्होनें देश में स्थापित शासित प्रदेश, जो कि आपस में युद्ध करने में व्यस्त थे, का लाभ प्राप्त किया। अंग्रेज दुसरे देशों से व्यापार के इच्छुक लोगों को रोकने में सफल रहे और १८४० ई तक लगभग संपूर्ण देश पर शासन करने में सफल हुए। १८५७ ई में ब्रिटिश इस्ट इंडिया कम्पनी के विरुद्ध असफल विद्रोह, जो कि भारतीय स्वतन्त्रता के प्रथम संग्राम से जाना जाता है, के बाद भारत का अधिकांश भाग सीधे अंग्रेजी शासन के प्रशासनिक नियंत्रण में आ गया।
      स्वतन्त्र भारत
      १९४७ से १९५०
    • देश आजाद: १४ अगस्त १९४७ को जैसे ही घड़ी की सुई मे रात के १२ बजे, प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू ने देश के स्वतंत्र होने की घोषणा की।
    • शोक की लहर: ३० जनवरी १९४८ को उस समय सारे देश में शोक की लहर दौड़ गई, जब नाथूराम गोड्से ने महात्मा गांधी की हत्या कर दी।
    • भारत-पाकिस्तान के बीच प्रथम युद्ध: देश विभाजन के बाद नए पड़ोसी बने पाकिस्तान ने भारत पर हमला कर दिया। यह लड़ाई ३१ दिसम्बर, १९४८ को समाप्त हुई और इसमें दोनों देशों के लगभग १५००-१५०० सैनिक मारे गए तथा पाकिस्तान ने कश्मीर के एक भूभाग पर अधिकार कर लिया।
    • भारत बना गणतंत्र: संविधान सभा द्वारा १९४९ में पारित किए जाने के बाद २६ जनवरी, १९५० को पहली बार देश का संविधान स्वीकार किया गया।
    • जेल की बैरक में आईआईटी की स्थापना: सन् १९५० में पश्चिम बंगाल के खड़गपुर के निकट हुबली जेल के परिव्यक्त बैरक में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के रूप में देश के पहले तकनीकी उच्च शिक्षा संस्थान की नींव डाली गई।
    १९५० से १९७०
  • भाषाई आधार पर राज्यों का गठन: अलग तेलुगू राज्य की मांग को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद १९५३ में पहली बार भाषाई आधार पर आंध्रप्रदेश राज्य का गठन किया गया।
  • वामपंथ का उदय: सन् १९५४ में शीत युद्ध के दौर से गुजर रहे विश्व के समक्ष पंडित जवाहरलाल नेहरू ने गुटनिरपेक्षता का सिद्धांत प्रस्तुत किया, जिसे बाद में यूगोस्लाविया के मार्शल टीटो, इंडोनेशिया के सुकर्णो और मिस्त्र के गमाल अब्दुल नासिर ने अंगीकार करते हुए गुटनिरपेक्ष आंदोलन को जन्म दिया।
  • भारत-चीन युद्ध: २० अक्टूबर, १९६२ को पड़ोसी चीन ने विश्वासघात करते हुए अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख की सीमा पर धावा बोल दिया। इस युद्ध में भारत की शर्मनाक हार हुई, और चीन ने अक्साई चिन पर अधिकार कर लिया।
  • पंडित नेहरू का देहांत: पक्षाघात का शिकार होने के बाद सन् १९६४ में पंडित नेहरू का निधन हो गया और प्रधानमंत्री की कुर्सी उनकी पुत्री इंदिरा गांधी के स्थान पर लाल बहादुर शास्त्री को प्राप्त हुई।
  • इंदिरा बनीं प्रधानमंत्री: ११ जनवरी १९६६ को ताशकंद में लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद इंदिरा गांधी भारत की प्रथम महिला प्रधानमन्त्री बनीं।
  • हरित क्रांति का जन्म: सन् १९६७ से लेकर १९७८ तक चली हरित क्रांति ने भारत को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बना दिया।
  • आईटी क्रांति: १९६८ में टाटा कन्सल्टन्सी सर्विसिज़ की स्थापना से भारत नई ऊँचाई पर पहुंचा दिया।
  • बैंकों का राष्ट्रीयकरण और प्रिवी पर्स का उन्नमूलन: १९ जुलाई, १९६९ को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया, और साथ ही, उन्होंने लगभग ४०० रजवाड़ों को आजादी के समय से ही मिल रहे खैरात (प्रिवी पर्स) को बंद कर दिया।
१९७० से १९८०
भारत के प्रथम परमाणु परीक्षण के बाद पोखरण का एक दृश्य।
  • भारत-पाक के मध्य तीसरा युद्ध: सन् १९७१ में एक बार फिर भारत और पाकिस्तान आपस में भिड़ गए। परिणामस्वरूप एक नए देश बांग्लादेश(२५ दिसम्बर, १९७१) का जन्म हुआ। शिमला समझौते के अंतर्गत दोनों देशों के बीच शांति स्थापित हुई।
  • चिपको आन्दोलन का जन्म: सन् १९७३ में उत्तराखंड राज्य के कुछ ग्राम वासियों ने वनों को काटने से बचाने के लिए एक अनोखे आंदोलन आरंभ किया, जिसमें वे पेड़ से चिपक जाते थे।
  • पहला परमाणु परीक्षण: १८ मई, १९७४ को राजस्थान के पोखरण में भारत ने पहली बार सफल परमाणु परीक्षा किया. इस मिशन का नाम बुद्धा स्माइल्स रखा गया।
  • शोले की रिकार्ड तोड़ सफलता: १९७५ में रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित चलचित्र शोले ने बालीवुड नया कीर्तिमान रचा और उस समय तक का यह सर्वश्रेष्ठ चलचित्र घोषित किया गया।
  • अन्तरिक्ष में भारत: १९ अप्रैल १९७५ को पहले भारतीय उपग्रह आर्यभट्ट का सफल प्रक्षेपण ।
  • आपातकाल की घोषणा: जून १९७५ में इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की।
  • टीकाकरण अभियान की शुभारंभ: १९७८ में सभी शिशुओं और गर्भवती महिलाओं को डिप्थीरिया, पोलियो, टिटनेस और कुकुरखांसी से बचाने के लिए टीकाकरण का सघन अभियान छेड़ा गया।
  • मदर टेरेसा को नोबेल पुरस्कार: अपने जीवन का अधिकांश भाग कलकत्ता की मलिन बस्तियों में रहने वाले गरीबों की सेवा में गुजार देने वाली मदर टेरेसा को सन् १९७९ में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
१९८० से १९९०
  • एशियाई खेलों का सफल आयोजन: सन् १९८२ में भारत में दूसरी बार एशियाई खेलों का सफल आयोजन किया गया, जो कि पिछली बार की अपेक्षा कहीं बड़े पैमाने पर रहा और साथ ही इसी वर्ष रंगीन टीवी भी भारत आया।
  • भारत बना क्रिकेट विश्व चैंपियन: १९८३ में खेलों की दुनिया में सबसे बड़ी जीत दर्ज करते हुए भारत ने कपिल देव की कप्तानी मे वेस्ट इंडीज को हराकर क्रिकेट विश्व कप अपने नाम कर लिया।
  • ऑपरेशन ब्लूस्टार: जून १९८४ में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निर्देश पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में जरनैल सिंह भिंडरावाले के नेतृत्व में घुसे खालिस्तानी आतंकवादियों को निकाल बाहर करने के लिए सेना ने ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया।
  • अंतरिक्ष में प्रथम भारतीय: अप्रैल १९८४ में भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक और सफलता प्राप्त की, जब पहला भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा, जो भारतीय वायुसेना के एक पायलट थे, अंतरिक्ष पहुंचे।
पहला भारतीय अंतरिक्ष यात्री, राकेश शर्मा।
  • इंदिरा गांधी की हत्या: ३१ अक्टूबर, १९८४ को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके ही सिख अंगरक्षकों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इस हत्या को ऑपरेशन ब्लू स्टार के प्रतिकार के रूप में देखा गया। (यह केवल कुछ इतिहासकारो की राय है)। इंदिरा गांधी की हत्या के हुए सिक्ख विरोधी दंगों में २,००० से अधिक लोग मारे गए।
  • एवरेस्ट विजय: २३ मई १९८४ को बचेंद्री पाल विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाली भारत की पहली और विश्व की पांचवीं महिला बनीं।
  • भोपाल गैस त्रासदी: ३ दिसम्बर, १९८४ को विश्व का सर्वाधिक भीषण औद्योगिक दुर्घटना सामने आई, जब मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में यूनियन कार्बाइड के कारखाने में गैस का रिसाब होने से लगभग ३,००० लोग अकाल मृत्यु का शिकार बने।


भोपाल गैस कांड स्मारक।
  • सड़क पर उतरी मारुति: १९८४ में ८०० सीसी की मारुति कार लांच हुई, जिसने देश में वाहन क्रांति का मार्ग प्रशस्त किया।
  • शाह बानो मामला: इस विवादास्पद मामले में उच्चतम न्यायालय ने मुस्लिम बोर्ड के निर्णय को पलटते हुए शाह बानो को गुजारा भत्ता देने को कहा लेकिन कट्टरपंथी मुस्लिम कार्यकर्ताओं के दबाव के आगे राजीव गांधी सरकार ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय को प्रभावहीन बनाया।
  • कनिष्क बमकांड: २३ जून, १९८५ को बब्बर खालसा के आतंकवादियों ने आयरलैंड से टोरंटो आ रहे एयर इंडिया के विमान को बम से उड़ा दिया, जिसमें सवार सभी ३२९ यात्री मारे गए।
  • असम समझौता: १९८५ में राजीव गांधी सरकार और असम के चरमपंथी गुटों में ऐतिहासिक समझौते से यह आस बंधी थी कि इस राज्य में शांति हो जाएगी, लेकिन ऐसा पूरी तरह संभव नहीं हो सका।
  • भारत-श्रीलंका शांति समझौता: भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी और श्रीलंका के राष्ट्रपति जेआर ने १९८७ में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता एक भूल साबित हुआ और इसके चलते श्रीलंका में हिंसक आंदोलन जोर पकड़ने लगा।
  • मताधिकार की आयु सीमा घटी: १९८८ में राजीव गांधी सरकार ने मतदान के लिए न्यूनतम आयु सीमा २१ वर्ष से घटाकर १८ वर्ष कर दी।
  • पृथ्वी प्रक्षेपास्त्र का सफल परीक्षण: भारत ने पूर्णतया स्वदेशी तकनीक पर आधारित बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र का १९८८ में सफल परीक्षण किया।
  • आरक्षण का पेंच: अगस्त १९९० में तत्कालीन प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने मंडल आयोग की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए सरकारी नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए २७ प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान लागू कर दिया।
१९९० से २०००
  • राजीव गांधी की हत्या: २१ मई, १९९१ को तमिलनाडु के श्रीपेराम्बदुर में लिट्टे की आत्मघाती हमलावर धनु ने राजीव गांधी की हत्या कर दी।
  • आर्थिक उदारीकरण: १९९२ में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव और वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने देश में आर्थिक सुधारों का नया दौर आरंभ किया।
  • सत्यजीत राय को ऑस्कर अवार्ड: विश्व सिनेमा को यादगार फिल्में देने वाले निर्माता-निर्देशक सत्यजीत राय को १९९२ में ऑस्कर का लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया।
  • प्रतिभूति घोटाला: शेयर बाजारों में नियोजित तरीके से तेजी लाकर शेयरधारकों के करोड़ों रुपए का वारा-न्यारा करने का खेल पहली बार जगजाहिर हुआ। इस पूरे प्रकरण में हर्षद मेहता नामक व्यक्ति की सबसे बड़ी भूमिका थी।
  • बाबरी विध्वंस: ६ दिसंबर १९९२ को अयोध्या में विवादास्पद बाबरी ढांचे को कट्टरपंथी हिंदुओं की भीड़ ने ढहा दिया। जिसकी प्रतिक्रिया में देश सांप्रदायिक दंगों की आग धधकने लगा था।
  • मुंबई बमकांड: बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की घटना के बाद मुंबई(१९९३) में श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोट हुए, जिसमें लगभग २५० लोग मारे गए।
  • सुष्मिता को ब्रह्मांड सुंदरी का ताज: सुष्मिता सेन ब्रह्मांड सुंदरी का ताज पहनने वाली भारत की पहली महिला बनीं।
  • सेलफोन की शुरूआत: १९९५ में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु और केंद्रीय संचार मंत्री सुखराम ने सेलफोन पर पहली बार बात करते हुए देश में मोबाइल सेवा की शुरूआत की।
  • इंटरनेट युग का आरंभ: १९९५ में विदेश संचार निगम लिमिटेड (वीएसएनएल) ने देश के छह नगरों में इंटरनेट सेवा का शुभारंभ किया।
  • पोखरण-2: अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के शासनकाल में भारतीय वैज्ञानिकों ने ११-१३ मई, १९९८ में पोखरण में पांच परमाणु परीक्षण किए। पाकिस्तान ने भी प्रतिकार स्वरूप २८ मई, १९९८ में छह परमाणु परीक्षण कर डाले।
  • अमर्त्य सेन को नोबेल पुरस्कार: १९९८ में अमर्त्य सेन को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
  • भारत-पाक बस सेवा: १९९९ में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत-पाकिस्तान के बीच बस सेवा आरंभ की।
  • कारगिल की लड़ाई: जुलाई, १९९९ में भीरतीय सेना को कारगिल में पाकिस्तानी सेना की घुसपैठ की जानकारी मिली। जिसके बाद भारतीय सेना ने घुसपैठियों के विरुद्ध कार्रवाई आरंभ कर दी। इस कार्रवाई के परिणामस्वरूप पाकिस्तानी सेना और घुसपैठिये पीछे हटे।
  • मैच फिक्सिन्ग: अप्रैल, २००० में क्रिकेट में मैच फिक्सिन्ग् उजागर होने से क्रिकेट की दुनिया में तहलका मचा। दिल्ली पुलिस ने दक्षिण अफ्रीका के कप्तान हेन्स क्रोनिये के विरुद्ध इस संबंध में मामला दर्ज किया।
२००० से वर्तमान
  • भारतीय संसद भवन पर हमला: १३ दिसंबर, २००१ को आतंकवादियों ने संसद भवन पर हमला किया, लेकिन देश के बहादुर सिपाहियों ने अपनी प्राणों की आहुति देकर भी आतंकवादियों के इरादों को विफल कर दिया।
  • तहलका कांड: तहलका डॉटकॉम ने स्टिंग ऑपरेशन के द्वारा रक्षा सौदों के लिए सांसदों और सैन्य अधिकारियों को घूस लेते हुए उजागर किया।
  • गोधरा जनसंहार: गुजरात के गोधरा में २७ फरवरी, २००२ को हिंदू तीर्थयात्रियों से भरी एक ट्रेन की बोगी को कुछ असामाजिक तत्वों ने जला डाला और जिसकी प्रतिक्रिया स्वरूप अगले ही दिन पूरे राज्य में दंगे भड़क उठे।
  • कल्पना चावला का दुखद अंत: अंतरिक्ष पर पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला कल्पना चावला की दूसरी अंतरिक्ष यात्रा ही उनकी अंतिम यात्रा साबित हुई। ३ फरवरी, २००३ के दिन पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करते समय कोलंबिया शटल यान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और कल्पना सहित इसमें सवार सातों अंतरिक्ष यात्री मारे गए।
  • सहवाग बनें `मुल्तान का सुल्तान´: २००४ में पाकिस्तान के विरुद्ध मुल्तान टेस्ट में सहवाग शानदार तिहरा शतक जमाने वाले पहले क्रिकेटर बने।
  • भारत-अमेरिका परमाणु समझौता: २००५ में भारतीय प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने ऐतिहासिक असैन्य परमाणु सहयोग संधि पर हस्ताक्षर किए।
  • सूचना का अधिकार: २००५ के सूचना के अधिकार कानून ने सरकारी बाबुओं को जवाबदेह बनाया।
  • ११/७, मुंबई की उपनगरीय रेलों में श्रृंखलाबद्ध बम विस्फ़ोट: ११ जुलाई, २००६ को एक बार फिर मुंबई आतंकवादियो के निशाने पर आ गई। शाम के समय अपने घरों को लौट रहे लोकल ट्रेन के खचाखच भरे डिब्बों में २० मिनट के अंतराल पर हुए सात बम धमाको में २५० लोग मारे गए।
  • टाटा ने कोरस को खरीदा: २००७ में किसी भारतीय कंपनी द्वारा अब तक के सबसे बड़े अधिग्रहण के रूप में टाटा स्टील ने एंग्लो-डच कंपनी कोरस को खरीद लिया।
  • पहली महिला राष्ट्रपति: महाराष्ट्र की पहली महिला राज्यपाल बनने वाली प्रतिभा पाटील ने २५ जुलाई २००७ को देश की पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की।
  • मुंबई २६/११: एक बार फिर राष्ट्र की वित्तीय राजधानी पर आतंकवादियों का हमला। बुधवार, २६ नवंबर, २००८ की रात लगभग १० पाकिस्तानी आतंकवादी आधुनिक हथियारों से युक्त होकर चर्चगेट स्टेशन, कामा अस्पताल, और ताज और ओबेरॉय-ट्रायडैन्ट में घुसे। ३ दिन तक चले कमांडो ऑपरेशन में २०० से अधिक लोग मारे गए, और १० में से नौ आतंकवादी भी। एक आतंकवादी, अजमल कसाब को जीवित पकड़ लिया गया।

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