"तीर खंज़र की न अब तलवार की बातें करें
ज़िन्दगी में आइये बस प्यार की बातें करें
टूटते रिश्तों के कारण जो बिखरता जा रहा
अब बचाने को उसी घर बार की बातें करें
थक चुके हैं हम बढ़ाकर यार दिल की दूरियाँ
छोड़कर तक़रार अब मनुहार की बातें करें
काश 'नीरज' हो हमारा भी ज़िगर इतना बड़ा
जेब ख़ाली हो मगर सत्कार की बातें करें
(डाली मोगरे की- नीरज गोस्वामी)
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