उद्यमी के लिए पहला विषय होता है कि बाजार में माल की मांग है या नहीं। यदि बाजार में माल की मांग होती है तो वह येन केन प्रकारेण पूंजी की व्यवस्था कर फैक्ट्री लगाता ही है। इसके विपरीत यदि बाजार में मांग नहीं है तो वह ब्याज दर कम होने पर भी ऋण नहीं लेता है क्योंकि फैक्ट्री लगाकर प्रॉफिट तभी हासिल किया जाता है जब उत्पादित माल को बेचा जा सके। यदि ब्याज दर कम हो और आप उसके लालच में फैक्ट्री लगा लें लेकिन माल बिके नहीं तो वह न्यून ब्याज दर निरर्थक हो जाता है। हम देख रहे हैं कि पिछले दो वर्षों में रिजर्व बैंक ने कई बार ब्याज दरों में कटौती की है लेकिन अर्थव्यवस्था की विकासदर लगातार गिरती ही जा रही है। यह इस बात का प्रमाण है कि ब्याज दर को न्यून करके हम आर्थिक विकास को हासिल नहीं कर सकते हैं। इसके विपरीत यदि बाजार में मांग हो और उद्यमी फैक्ट्री लगाने को उद्यत हो तो न्यून ब्याजदर उसे अवश्य ही प्रेरित करती है कि वह छोटे के स्थान पर बड़ी फैक्ट्री लगाए और 10 के स्थान पर 20 कर्मियों को रोजगार दे। अत: मुख्य बात बाजार में मांग का होना है।
नमस्कार,आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम-आप बहुत कुछ पीछे छोड़कर आगे बढ़ते जाते हैं. हम अपने समाज में हो रहे सामजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक बदलावों से या तो अनजान रहते हैं या जानबूझकर अनजान बनने की कोशिश करते हैं. हमारी यह प्रवृत्ति हमारे परिवार, समाज और देश के लिए घातक साबित हो सकती है. अपने इस चिट्ठे (Blog) "समाज की बात - Samaj Ki Baat" में इन्हीं मुद्दों से सम्बंधित विषयों का संकलन करने का प्रयास मैंने किया है. आपके सुझावों का हार्दिक स्वागत रहेगा...कृष्णधर शर्मा - 9479265757
गुरुवार, 24 अक्टूबर 2019
विकसित देशों का मोह
उद्यमी के लिए पहला विषय होता है कि बाजार में माल की मांग है या नहीं। यदि बाजार में माल की मांग होती है तो वह येन केन प्रकारेण पूंजी की व्यवस्था कर फैक्ट्री लगाता ही है। इसके विपरीत यदि बाजार में मांग नहीं है तो वह ब्याज दर कम होने पर भी ऋण नहीं लेता है क्योंकि फैक्ट्री लगाकर प्रॉफिट तभी हासिल किया जाता है जब उत्पादित माल को बेचा जा सके। यदि ब्याज दर कम हो और आप उसके लालच में फैक्ट्री लगा लें लेकिन माल बिके नहीं तो वह न्यून ब्याज दर निरर्थक हो जाता है। हम देख रहे हैं कि पिछले दो वर्षों में रिजर्व बैंक ने कई बार ब्याज दरों में कटौती की है लेकिन अर्थव्यवस्था की विकासदर लगातार गिरती ही जा रही है। यह इस बात का प्रमाण है कि ब्याज दर को न्यून करके हम आर्थिक विकास को हासिल नहीं कर सकते हैं। इसके विपरीत यदि बाजार में मांग हो और उद्यमी फैक्ट्री लगाने को उद्यत हो तो न्यून ब्याजदर उसे अवश्य ही प्रेरित करती है कि वह छोटे के स्थान पर बड़ी फैक्ट्री लगाए और 10 के स्थान पर 20 कर्मियों को रोजगार दे। अत: मुख्य बात बाजार में मांग का होना है।
शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2019
फोन में चला जाए बारिश का पानी तो करें ये काम
स्मार्टफोन हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. लेकिन जरा सी लापरवाही जैसे बारिश में भीग जाना, ये सब मोबाइल को खराब करने के लिए काफी है. अगर आपके फोन में बारिश का पानी चला जाए तो घबराएं नहीं बल्कि कुछ स्मार्ट स्टेप्स अपनाकर आप अपने डिवाइस को बचा सकते हैं.
मोबाइल हमारी रोजमर्रा जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। इसके बिना कई काम ठप्प हो जाते हैं और ऐसे भी कई यूजर्स है जो फोन के बिना रह नहीं सकते हैं। वहीं, आजकल देशभर के कई राज्यों में बारिश का मौसम चल रहा है। बारिश के मौसम में फोन का पानी में भीग जाना आम बात होती है।
ऐसी कंडीशन में बहुत से लोग तो घबराकर तुरंत फोन ऑन करने या सुखाने की कोशिश में लग जाते हैं, लेकिन आपको ऐसे में जल्दबाजी बिलकुल नहीं करनी है, नहीं तो आपकी एक छोटी सी गलती फोन को हमेशा के लिए खराब कर सकती है। अगर आपका फोन भी बारिश में भीग गया है तो कुछ टिप्स अपनाकर अपने फोन को खराब होने से बचा सकते हैं।
सबसे पहले फोन को स्विच ऑफ करें जैसे ही फोन में पानी चला जाता है तो कई लोग बारिश में भीगने के बाद अपने फोन को चेक करने की कोशिश करते हैं और देखते हैं कि वह ठीक से काम कर रहा है या नहीं, लेकिन फोन को तुरंत चालू करना एक बड़ी गलती है। इससे फोन में शॉर्ट सर्किट भी हो सकता है और फोन खराब हो सकता है।
फोन को चार्ज न करें फोन में पानी चले जाने के बाद कुछ लोग तो तुरंत डिवाइस को चार्जिंग पर लगा देते हैं ताकि वह जल्दी से चालू हो जाए, लेकिन यह खतरे से खाली नहीं है। चार्जिंग के दौरान पानी और करंट के कांटेक्ट में आने से फोन और चार्जर दोनों में शॉर्ट सर्किट हो सकता है। इससे आपका महंगा फोन खराब हो सकता है।
#समाजकीबात Samaj Ki Baat
कृष्णधर शर्मा