अधिकतर लोग काम करके, मेहनत-मजदूरी से
कमाते हैं, अपने
परिवार के गुजर-बसर के लिए
मगर एक शातिर
बुद्धिजीवी कमाता है
अपनी बुद्धि का
उपयोग या दुरुपयोग करके
जो रहता है तमाम
तकलीफ़ों के परे
एक सुविधासम्पन्न
वातानुकूलित मकान में
जो खुद कोई काम
करने के बजाय
अपनी कलम और जुबान
चलाना ज्यादा पसंद करता है
बेहद ही सुविधाभोगी
और अवसरवादी होता है
बुद्धिजीवी नाम का
यह शातिर प्राणी
अपनी सुविधानुसार
रिश्तों को “पाज़” कर देना
फिर अपनी
सुविधानुसार ही “रेज्यूम” कर देना
कायल हूँ मैं,
बुद्धिजीवीवियों की इस अद्भुत कला का
बहुत ही बारीकी से, लाभ-हानि का सारा गणित
कर लेते हैं अपने
ही पक्ष में, ये शातिर बुद्धिजीवी
कई बार आपको लगेगा
कि, आपकी तारीफ कर रहे हैं ये
मगर उस तारीफ में
भी, कितना मोटा मुनाफा
कमा लेते हैं ये
शातिर बुद्धिजीवी
यह समझना, आपके
बूते की बात नहीं है फिलहाल
जब तक, आप भी नहीं
बन जाते एक शातिर बुद्धिजीवी
(कृष्णधर शर्मा 9.10.2022)
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