नमस्कार,
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम-आप बहुत कुछ पीछे छोड़कर आगे बढ़ते जाते हैं. हम अपने समाज में हो रहे सामजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक बदलावों से या तो अनजान रहते हैं या जानबूझकर अनजान बनने की कोशिश करते हैं. हमारी यह प्रवृत्ति हमारे परिवार, समाज और देश के लिए घातक साबित हो सकती है. अपने इस चिट्ठे (Blog) "समाज की बात - Samaj Ki Baat" में इन्हीं मुद्दों से सम्बंधित विषयों का संकलन करने का प्रयास मैंने किया है. आपके सुझावों का हार्दिक स्वागत रहेगा...कृष्णधर शर्मा - 9479265757

रविवार, 22 जून 2025

आधुनिक नायक

 सिपाही लड़ते हैं युद्ध अपने मोरचों पर

जनता भी लडती है युद्ध

युद्ध से होनेवाली समस्याओं से

आधुनिक नायक बैठते हैं

सुरक्षित और आरामदायक बंकरों में

जहाँ से देते हैं बयान

दुश्मनों को नेस्तोनाबूद करने का

जारी करते हैं सन्देश

अपनी जनता और सैनिकों के नाम

बढ़ाते हैं उनका मनोबल

ताकि आँख मूंदकर करें वे इन पर भरोसा

कि देश को सही रास्ते पर लेकर

जा रहे हैं उनके वीर नायक

जनता या सैनिकों को कहाँ पता होता है

उनका नायक अपने निजी अभिमान की खातिर

कितने गहरे गड्ढे में धकेल रहा है देश को...

      कृष्णधर शर्मा 22.6.25 (अमेरिका ईरान इजरायल युद्ध)

#साहित्य_की_सोहबत  #पढ़ेंगे_तो_सीखेंगे

#हिंदीसाहित्य  #साहित्य  #कृष्णधरशर्मा

Samajkibaat समाज की बात


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें