भीषण गर्मी के बाद अब उमस ने शहर के लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है। सुबह होते ही हवा में नमी का स्तर बढ़ने लगता है और दिन चढ़ते-चढ़ते यह शरीर से पसीना निकालने वाला अनुभव दे जाता है। ऐसे में न सिर्फ गर्मी का अहसास बढ़ता है, बल्कि शरीर में पानी की कमी, थकान, चक्कर और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं भी आम हो जाती हैं।
एक्सपर्ट की राय एक्सपर्ट्स के अनुसार, ऐसे मौसम में नियमित रूप से पानी पीना और वाटर शेड्यूल को फॉलो करना ही सबसे बेहतर बचाव है। एक से डेढ़ घंटे में एक गिलास पानी जरूरी स्वास्थ्य प्रबंधन संस्थान के निदेशक डॉ. मनीष शर्मा के मुताबिक उमस भरे मौसम में लोग अक्सर तब पानी पीते हैं जब प्यास लगती है, लेकिन यह आदत शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। बिना प्यास लगे भी हर एक से डेढ़ घंटे में कम से कम एक गिलास पानी पीना जरूरी है।
हेल्दी ड्रिंक्स से करें दिन की शुरुआत छाछ, नारियल पानी, नींबू पानी और फलों के रस को भी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। शरीर से पसीने के रूप में नमक और पानी तेजी से बाहर निकलता है, जिससे इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बिगड़ जाता है। इसे संतुलित बनाए रखने के लिए साधारण पानी के साथ-साथ ओआरएस या घर पर बने नमक-शक्कर के घोल का सेवन भी फायदेमंद होता है।
पानी पीने का तय शेड्यूल बनाएं डॉ. शर्मा के मुताबिक बुजुर्ग, छोटे बच्चे, वर्किंग प्रोफेशनल्स और बाहर काम करने वाले मजदूरों के लिए यह मौसम खासतौर पर चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसे में उनके लिए पानी पीने का एक तय शेड्यूल बनाना और उसका पालन करना बेहद जरूरी हो गया है। बहुत ठंडा पानी या बर्फ वाली ड्रिंक्स से बचना चाहिए। ये शरीर की अंदर की गर्मी से टकराकर असंतुलन पैदा कर सकते हैं।
नमी का प्रतिशत बढ़ना परेशानी ग्वालियर में इस समय सुबह से लेकर रात तक हवा में नमी का स्तर 55 से 75 प्रतिशत के बीच बना हुआ है, जो शरीर को थकाने और चिपचिपाहट देने वाला होता है। ऐसे में सिर्फ पंखे या कूलर से राहत नहीं मिलती, शरीर के भीतर का हाइड्रेशन भी अहम हो जाता है। इसलिए अब समय है कि हर घर में वाटर शेड्यूल बनाया जाए। सुबह उठते ही एक गिलास गुनगुना पानी, दिन में हर घंटे में पानी की छोटी मात्रा और रात को सोने से पहले पानी का सेवन करें, ताकि उमस से होने वाले जोखिमों से बचा जा सके।
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