नमस्कार,
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम-आप बहुत कुछ पीछे छोड़कर आगे बढ़ते जाते हैं. हम अपने समाज में हो रहे सामजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक बदलावों से या तो अनजान रहते हैं या जानबूझकर अनजान बनने की कोशिश करते हैं. हमारी यह प्रवृत्ति हमारे परिवार, समाज और देश के लिए घातक साबित हो सकती है. अपने इस चिट्ठे (Blog) "समाज की बात - Samaj Ki Baat" में इन्हीं मुद्दों से सम्बंधित विषयों का संकलन करने का प्रयास मैंने किया है. आपके सुझावों का हार्दिक स्वागत रहेगा...कृष्णधर शर्मा - 9479265757

गुरुवार, 19 मई 2011

कॉरपोरेट की शक्‍ल ले चुका है अंडरवर्ल्‍ड, डॉन बने सीईओ

अंडरवर्ल्‍ड का नाम सुनते ही दाऊद इब्राहिम, छोटा राजन, एजाज लेकडवाला, अली बुदेश, रवि पुजारी, बंटी पाण्‍डेय, और गुरु साटम का नाम फौरन आपके दिमाग में आ जाता होगा। अगर इससे ज्‍यादा कुछ और आपके दिमाग में आता भी होगा तो वह अपराध की काली दुनिया का चेहरा जहां सिर्फ और सिर्फ हैवानियत और खौफ का मंजर होगा। मगर इन सबके अलावा एक रोचक बात भी इस पूरे मामले में है। अब शायद आप सोच रहें होगें कि अपराध की काली दुनिया में रोचक ! जी हां आपको बताते चलें कि अंडरवर्ल्‍ड माफिया सरगनाओं ने अपने नाम से अलग-अलग कंपनियां बना रखी हैं।

इतना ही नहीं इन कंपनियों में काम करने वाले लोगों को बाकायदा हर महिने पगार दी जाती है। इन कंपनियों का अपना कम्‍युनिकेशन नेटवर्क होता है। कंपनी का लेखा जोखा रखने के लिये बकायदा चार्टर्ड एकाउंटेंट होते हैं। और तो और अगर इनके शागिर्द प‍कड़े गये तो कंपनी उन्‍हें छूडाने के लिये बाकायदा वकीलों की नियुक्ति भी करती है। उल्‍लेखनीय है कि अंडरवर्ल्ड की दुनिया में फिलहाल पांच बड़ी कंपनियां काम कर रही हैं, जिनमें दाऊद इब्राहिम कासकर की डी कंपनी, छोटा राजन की आर कंपनी, एजाज लकड़ावाला और अली बुदेश की ए कंपनी, रवि पुजारी, बंटी पांडे और गुरु साटम की कंपनी और छोटा शकील के भाई अनवर शेख की केजीएन कंपनी।

यह सभी कंपनियां एक संगठित कॉरपोरेट कंपनियों की तरह काम कर रही हैं। जाहिर है इन सबमें सबसे बड़ी कंपनी नंबर वन है जिसका सालाना कारोबार खरबो में है। कंपनी का सीईओ है छोटा शकिल और एक्‍सपोर्ट-इम्‍पोर्ट मैनेजर है फहीम मचमच। मुंबई में इन दिनों डी कंपनी के लिए एक दर्जन से भी ज्यादा वकील काम कर रहे हैं। कंपनी के शूटरों का केस लड़ने से लेकर उनके डिपोर्टेशन तक की कार्यवाही पूरी करने का जिम्मा इन वकीलों का है। इन्हें कंपनी हर महीने पगार देती है। साथ ही कंपनी के काले धन को सफेद करने और हवाला के पैसे के रैकेट को संभालने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट भी हैं।

कंपनी अपने कंट्री मैनेजरों से हवाला के पैसे का पूरा हिसाब-किताब लेती रहती है। पुलिस के आला अधिकारी भी मानते हैं कि अब अंडरवर्ल्ड की दुनिया एक लिमिटेड कंपनी की तरह हो चुकी है जहां हर चीज सलीके से की जा रही है।

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