नमस्कार,
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम-आप बहुत कुछ पीछे छोड़कर आगे बढ़ते जाते हैं. हम अपने समाज में हो रहे सामजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक बदलावों से या तो अनजान रहते हैं या जानबूझकर अनजान बनने की कोशिश करते हैं. हमारी यह प्रवृत्ति हमारे परिवार, समाज और देश के लिए घातक साबित हो सकती है. अपने इस चिट्ठे (Blog) "समाज की बात - Samaj Ki Baat" में इन्हीं मुद्दों से सम्बंधित विषयों का संकलन करने का प्रयास मैंने किया है. आपके सुझावों का हार्दिक स्वागत रहेगा...कृष्णधर शर्मा - 9479265757

गुरुवार, 14 फ़रवरी 2019

पैग़म्बर The Prophet- ख़लील जिब्रान

 "प्रेम तुम्हें तुम्हीं को समर्पित करने के अतिरिक्त कुछ नहीं देता, और न ही तुम्हें स्वयं पर न्यौछावर करने के अतिरिक्त तुमसे कुछ माँगता ही है। न तो यह अपने एवज में कुछ माँगता है और न ही यह तुम्हारे समर्पण के एवज में तुम्हें कुछ देगा। प्रेम तो अपने आप में ही परिपूर्ण है, पर्याप्त है। सुबह उठो तो प्रेम-आनन्दित हृदय से ईश्वर का धन्यवाद करो कि उसने तुम्हें प्यार करने के लिए एक और दिन दिया है।" (पैग़म्बर The Prophet- ख़लील जिब्रान)



#साहित्य_की_सोहबत  #पढ़ेंगे_तो_सीखेंगे

#हिंदीसाहित्य  #साहित्य  #कृष्णधरशर्मा

Samajkibaat समाज की बात


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें