नहीं है मेरे पास कोई सेना
नहीं
है कोई सेनापति
नहीं
है कोई संगी-साथी
उस
पथ पर जिस पर
चल
पड़ा हूँ अकेला ही मैं
अब
लड़नी है खुद ही मुझे
अपनी
लड़ाई
खुद
ही मुझे जीतना भी होगा
उन्हें
जवाब देने के लिए
जिन्होंने
हर कदम पर
तोड़ा
था मेरा हौसला....
(कृष्णधर शर्मा 31.8.2022)
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