बहेलिया जाल बिछाता है
उसमें दाने फैलाता
है
पंछी उस दाने के
लालच में
जाल में फंस जाता
है
आप कहेंगे इसमें
नया क्या है!
इसमें नयी बात यह
है कि
जो नया बहेलिया आया
है
उसने भी वही जाल
बिछाया है
वही दाने फैलाया है
मगर इसे बहेलिये का
हुनर ही कहेंगे
जो पंछी उसके जाल
में फंसता है
वह कुछ सोच-समझ ही
नहीं पाता है
इसलिए वह बहेलिये
का ही गुण गाता है
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Samajkibaat समाज
की बात
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