नमस्कार,
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम-आप बहुत कुछ पीछे छोड़कर आगे बढ़ते जाते हैं. हम अपने समाज में हो रहे सामजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक बदलावों से या तो अनजान रहते हैं या जानबूझकर अनजान बनने की कोशिश करते हैं. हमारी यह प्रवृत्ति हमारे परिवार, समाज और देश के लिए घातक साबित हो सकती है. अपने इस चिट्ठे (Blog) "समाज की बात - Samaj Ki Baat" में इन्हीं मुद्दों से सम्बंधित विषयों का संकलन करने का प्रयास मैंने किया है. आपके सुझावों का हार्दिक स्वागत रहेगा...कृष्णधर शर्मा - 9479265757

बुधवार, 15 नवंबर 2023

स्थानांतरण

स्थानांतरण मात्र स्थानांतरण नहीं होता है

वह तो होता है एक तरह का विस्थापन

सालों की जमी-जमाई गृहस्थी को

एक झटके में समेट कर अचानक से

चल देना होता है एक नई जगह के लिए

बिना कुछ सोचे-समझे देखे-भाले

अपनी जान-पहचान अपना कमाया सम्मान

सब वहीँ छोड़ कर बढ़ जाना होता है

एक अनजान दिशा में

जहाँ पर होता है सब कुछ नया-नया

अपरिचित, अनजान सा

जहाँ पर शुरू करना पड़ता है

सब कुछ शुरू से, नए सिरे से

जहाँ बनाने पड़ते हैं सारे रिश्ते नए

चाहे वह पड़ोसी हों या दूधवाला

या फिर सब्जी बेचनेवाला ही हो

मिटानी पड़ती हैं कुछ पुरानी यादें

नए रिश्तों को जगह देने के लिए...

            कृष्णधर शर्मा  15.11.23

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