नमस्कार,
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम-आप बहुत कुछ पीछे छोड़कर आगे बढ़ते जाते हैं. हम अपने समाज में हो रहे सामजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक बदलावों से या तो अनजान रहते हैं या जानबूझकर अनजान बनने की कोशिश करते हैं. हमारी यह प्रवृत्ति हमारे परिवार, समाज और देश के लिए घातक साबित हो सकती है. अपने इस चिट्ठे (Blog) "समाज की बात - Samaj Ki Baat" में इन्हीं मुद्दों से सम्बंधित विषयों का संकलन करने का प्रयास मैंने किया है. आपके सुझावों का हार्दिक स्वागत रहेगा...कृष्णधर शर्मा - 9479265757

सोमवार, 23 जुलाई 2018

आँखों देखा पाकिस्तान- कमलेश्वर

 "आम पाकिस्तानी मानता है कि भारत ने चौतरफा विकास किया है। बड़े उद्योग लगाये हैं और वह हर तरह से पाकिस्तान से आगे है, पर उसे भारत पाक की साझी विरासत मंजूर नहीं है। असल में पार्टीशन को सही और पाकिस्तान के निर्माण को जरूरी साबित करने के जोश में पाकिस्तान के कुछ बुद्धिजीवियों ने, जो भारत-पाक अलगाव को तंग-नजरी से देख रहे थे, उन्होंने बहुत जल्दी में कुछ कच्चे तर्क और लंगड़े सिद्धान्त यानी थ्योरीज तैयार कीं। इन्हें तैयार करने में कुछ तास्सुबी इतिहासकार हावी हो गये।  इसी तरह की सोच वाले मुस्लिम साहित्यकार हालांकि बंगलादेश बन जाने से खुश नहीं हैं पर वे इस बात से बहुत खुश हैं कि पाकिस्तान से अलग होने के बाद भी बंगलादेश इस्लामी मुल्क बना रहा और भारत में शामिल नहीं हुआ" (आँखों देखा पाकिस्तान- कमलेश्वर)




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